तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । जम कुबेर दिकपाल जहां ते। कवि कोबिद कहि सके कहां ते॥ मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। O the Son of Wind, You tend to be the destroyer of all https://johni541nty7.ageeksblog.com/34369020/what-does-hanuman-chalisa-mean